ताले में बंद हुआ बचपन: स्कूल मर्जर से फफक पड़े बच्चे, अभिभावकों की आंखें भी नम... देखें Video

  • प्राथमिक विद्यालय रुद्रपुर भतुही, के गेट पर बच्चों की आंखों से छलकती दिखी बेबसी
  • स्कूल गेट पकड़कर रोते हुए बच्चे बोले "हम पढ़ने आए थे... स्कूल में ताला क्यों लगा है?"

महाराजगंज : UPKeBol। सोमवार सुबह रुद्रपुर भतुही गांव के बच्चे रोज़ की तरह अपने छोटे-छोटे बस्ते टांगे, उजले सपनों के साथ स्कूल पहुंचे। लेकिन आज का दृश्य कुछ अलग था — स्कूल के गेट पर बड़ा सा ताला लटका था और वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। पहले तो बच्चों ने समझा शायद कोई देर से आएगा, लेकिन जब काफी देर तक कोई नहीं आया, तो सच्चाई सामने आई — उनका स्कूल अब मर्जर के बाद बंद हो गया है।

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बच्चों की आंखों में आंसू, गार्जियन भी रो पड़े

ताले में बंद हुआ बचपन: स्कूल मर्जर से फफक पड़े बच्चे, अभिभावकों की आंखें भी नम... देखें Video

जब यह बात छोटे-छोटे बच्चों को बताई गई कि अब उन्हें गांव से दूर किसी अन्य स्कूल में पढ़ने जाना होगा, तो वे फफक कर रोने लगे। किसी के चेहरे पर मायूसी थी, किसी की आँखें आसमान की ओर थीं — जैसे सवाल कर रही हों कि "हमसे स्कूल क्यों छीन लिया गया?"

वहीं यह दृश्य देखकर मौके पर पहुंचे अभिभावकों की आंखों में भी आंसू आ गए। एक माता-पिता ने कहा "हम रोज़ खेतों में जाते हैं, बच्चे पास के स्कूल में पढ़ लेते थे। अब दूर भेजना होगा, कैसे संभालें?"

मर्जर की सूचना तक नहीं दी गई, प्रशासन की लापरवाही उजागर

बड़ी बात ये है कि इस मर्जर के बारे में गांव के लोगों को पहले से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। बच्चों और अभिभावकों को न तो स्थानांतरित विद्यालय की जानकारी मिली और न ही वहां तक पहुंचने की कोई व्यवस्था।

कौन सुनेगा मासूमों की पीड़ा?

ताले में बंद हुआ बचपन: स्कूल मर्जर से फफक पड़े बच्चे, अभिभावकों की आंखें भी नम... देखें Video

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि नीतियाँ कागज़ पर बनती हैं, लेकिन असर ज़मीन पर होता है। और जब बच्चों की आँखों में आँसू होते हैं, तो आंकड़े भी शर्मिंदा हो जाते हैं। प्रशासन की चुप्पी और ग्रामीणों की बेबसी ने इस स्कूल मर्जर की खामियों को उजागर कर दिया है।

 फफकते हुए बच्चे बोले "हमें अपना स्कूल वापस चाहिए"... देखें Video👇


प्राप्त वीडियो में कई मासूम बच्चे गेट के बाहर रोते नजर आते हैं। कोई अपनी स्लेट जमीन पर पटकता है, तो कोई दीवार से टिका सिसक रहा है। बच्चों की ये तस्वीरें और वीडियो शिक्षा विभाग की संवेदनहीनता पर करारा तमाचा हैं।

क्या कहते हैं ग्रामीण और जनप्रतिनिधि?

रामआसरे यादव (गार्जियन): "हमारा बच्चा अब 3 किलोमीटर दूर जाएगा, रास्ता भी ठीक नहीं है। सरकार क्या सोचकर स्कूल बंद कर रही है?"

सीताराम चौधरी (पूर्व ग्राम प्रधान): "शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के नाम पर गांवों से स्कूल खत्म किए जा रहे हैं, ये गलत है।"

✅ सरकार और शिक्षा विभाग से ग्रामीणों की अपील

  1. बच्चों के लिए पास के स्कूल तक निशुल्क परिवहन सुविधा दी जाए।
  2. मर्ज किए गए विद्यालयों की सूचना सार्वजनिक रूप से दी जाए।
  3. भविष्य में कोई भी मर्जर समुदाय की राय लेकर किया जाए।

ताले में बंद हुआ बचपन: स्कूल मर्जर से फफक पड़े बच्चे, अभिभावकों की आंखें भी नम... देखें Video

📢 समाज के लिए एक अनसुलझा सवाल —
क्या शिक्षा का अधिकार अब दूरी और ताले में कैद हो गया है?

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