बहराइच में 123 स्कूलों को कम छात्र संख्या के आधार पर किया जाएगा समायोजित, शिक्षक संगठनों ने बताया छात्रहित के खिलाफ फैसला
बहराइच। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नए-नए बदलाव अब और गहराते दिख रहे हैं। पहले शिक्षकों का समायोजन हो रहा था, अब स्कूलों को भी शिफ्ट किया जा रहा है। जिले में 50 से कम छात्रों वाले 123 स्कूलों को उनके नजदीकी स्कूलों में मिलाया जाएगा। इस फैसले से शिक्षक संगठनों में नाराज़गी है और जूनियर शिक्षक संघ ने 27 जून को ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
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बेसिक शिक्षा परिषद ने अब कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को उनके पास के ही दूसरे स्कूल में मिलाने की योजना शुरू कर दी है। इसके लिए परिषद के सचिव ने आदेश जारी कर दिए हैं। सभी बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) से रिपोर्ट मंगाई गई है।
बहराइच जिले में कुल 2803 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें से 123 स्कूल ऐसे पाए गए हैं जहाँ छात्रों की संख्या 50 से कम है। इन्हीं स्कूलों को समायोजन के तहत पास के स्कूलों में मिलाया जाएगा।
शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे बच्चों को बेहतर संसाधन, शिक्षक और माहौल मिलेगा, लेकिन दूसरी ओर जूनियर शिक्षक संघ और ग्राम प्रधानों का कहना है कि ये कदम छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन है और सरकार शिक्षा से जुड़े लोगों की नौकरियाँ छीनने की तैयारी में है।
शिक्षक संगठनों का विरोध
जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विद्या विलास पाठक ने स्पष्ट कहा कि ये फैसला RTE एक्ट की धारा 6 का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ़्त और नज़दीकी स्कूल में पढ़ने का संवैधानिक अधिकार है।
विद्यालयों का समायोजन न सिर्फ बच्चों को दूर जाने के लिए मजबूर करेगा, बल्कि शिक्षामित्र, रसोइया और शिक्षकों के रोजगार पर भी खतरा लाएगा।
संघ का कहना है कि ग्राम शिक्षा समिति की लिखित अनुमति के बिना किसी भी विद्यालय को हटाना कानूनन गलत है।
27 जून को होगा विरोध प्रदर्शन
जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विद्या विलास पाठक ने बताया कि 27 जून को जिले के सभी बीआरसी (खंड शिक्षा कार्यालयों) पर विरोध सभा की जाएगी और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
संघ के प्रांतीय अध्यक्ष योगेश त्यागी और महामंत्री नरेश कौशिक के निर्देश पर पूरे जिले में इस आंदोलन की तैयारी शुरू हो गई है। प्रभावित शिक्षकों, शिक्षामित्रों, रसोइयों और ग्राम प्रधानों को भी आंदोलन से जोड़ा जा रहा है।
यदि सरकार ने इसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकाला, तो 5 जुलाई से ज़िला स्तरीय बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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