बिहार की मतदाता सूची पर संसद में घमासान: विपक्ष ने बताया लोकतंत्र की हत्या, सरकार बोली- देश कोई धर्मशाला नहीं

➤ एसआईआर जांच के विरोध में विपक्ष का हंगामा, संसद से लेकर सड़क तक गरजे राहुल-प्रियंका-अखिलेश

नई दिल्ली : ब्यूरो। बिहार की मतदाता सूची में संशोधन और "स्पेशल एडवांस्ड रिवीजन (एसआईआर)" प्रक्रिया को लेकर मंगलवार को संसद का माहौल गरमा गया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को संविधान विरोधी और लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ संसद परिसर से लेकर सड़क तक जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

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संसद में हुआ क्या?

बिहार की मतदाता सूची पर संसद में घमासान: विपक्ष ने बताया लोकतंत्र की हत्या, सरकार बोली- देश कोई धर्मशाला नहीं

  • लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने प्रधानमंत्री से जवाब और बहस की मांग की।
  • सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनटों में दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
  • दोपहर 2 बजे तक कार्यवाही बार-बार स्थगित होती रही।
  • राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने संसद भवन के गेट पर धरना देकर चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाज़ी की।
  • राज्यसभा में भी भारी हंगामे के चलते कोई ठोस बहस नहीं हो सकी।

जानिए क्या है एसआईआर और क्यों हो रहा विरोध?

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण यानी स्पेशल एडवांस्ड रिवीजन (SIR) शुरू किया गया है। इसके तहत नामों की दोबारा जांच, सत्यापन और संभावित संशोधन की प्रक्रिया चल रही है।

विपक्ष का आरोप

  • गरीब, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और मुस्लिम मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं।
  • यह चुनावी गड़बड़ी और धांधली की शुरुआत है।
  • बिना किसी कानूनी आधार के लोगों को मताधिकार से वंचित किया जा रहा है।

सरकार का तर्क

  • फर्जी, डुप्लीकेट और घुसपैठियों के नाम हटाना लोकतंत्र को शुद्ध करने की प्रक्रिया है।
  • भारत कोई 'धर्मशाला' नहीं है जहाँ कोई भी आकर वोट डाल सके।

नेताओं की प्रतिक्रिया

प्रियंका गांधी वाड्रा (कांग्रेस सांसद) : "यह लोकतंत्र की हत्या है। बिहार में जो हो रहा है वह संविधान के खिलाफ है। ये वही समय है जब बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत जनता के अधिकारों को कुचल रही है। हम इस काले अभियान का विरोध करते हैं।"

राहुल गांधी (नेता विपक्ष): "प्रधानमंत्री जवाब देने से क्यों बच रहे हैं? देश का लोकतंत्र खतरे में है और जनता के मताधिकार पर हमला हो रहा है।"

अखिलेश यादव (सपा प्रमुख): "यह सिर्फ बिहार की लड़ाई नहीं, यह हर उस गरीब और पिछड़े मतदाता की लड़ाई है, जिसे चुनाव से पहले ही बाहर किया जा रहा है।"

बीजेपी का पलटवार

भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष पर "गुंडागर्दी", संसद की कार्यवाही बाधित करने और झूठ फैलाने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि विपक्ष की चिंता सिर्फ 'वोट बैंक' की है। रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोट दिलाने के लिए ये विरोध किया जा रहा है।मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।

गौरतलब हो कि बिहार में मतदाता सूची संशोधन का मामला अब सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं रह गया, बल्कि यह एक बड़ा राजनीतिक टकराव बन गया है। एक ओर विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहा है, वहीं सरकार इसे चुनावी सुधार की दिशा में कदम मान रही है। संसद का मानसून सत्र इस विषय पर गरमाने वाला है और आने वाले दिनों में यह मामला राष्ट्रीय बहस का केंद्र बन सकता है।

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