कौशांबी में ब्राह्मण परिवार का उत्पीड़न, ब्राह्मण वेलफेयर महासभा ने जताया तीव्र विरोध

मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और पीड़ित परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता देने की मांग

बहराइच। उत्तर प्रदेश के जनपद कौशांबी में एक ब्राह्मण परिवार के साथ हुई कथित साजिश और दुर्व्यवहार ने प्रदेश भर के ब्राह्मण समाज को झकझोर दिया है। ग्राम लोहंदा, थाना सैनी के निवासी धन्नू तिवारी के खिलाफ दर्ज कथित झूठी एफआईआर और उसके बाद उनके पिता राम बाबू तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने इस पूरे मामले को और संवेदनशील बना दिया है। अब ब्राह्मण वेलफेयर महासभा ने इसे जातीय साजिश बताते हुए न्याय की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है।

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कौशांबी में ब्राह्मण परिवार का उत्पीड़न, ब्राह्मण वेलफेयर महासभा ने जताया तीव्र विरोध

हाल ही में कौशांबी जिले के ग्राम लोहंदा में रहने वाले धन्नू तिवारी के खिलाफ कथित रूप से एक कूटरचित मुकदमा दर्ज किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। इसके कुछ ही समय बाद उनके पिता श्री राम बाबू तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। परिवार के अनुसार यह एक सुनियोजित साजिश थी।

इतना ही नहीं, पीड़ित परिवार के पुरुषों और महिलाओं को बेरहमी से मारा-पीटा गया, जो कि अत्यंत अमानवीय कृत्य है। सबसे दुखद बात यह रही कि स्वर्गीय राम बाबू तिवारी के अंतिम संस्कार में भी उनके परिवार को शामिल नहीं होने दिया गया, जिससे पूरे समाज में आक्रोश फैल गया।

ब्राह्मण वेलफेयर महासभा का विरोध

ब्राह्मण वेलफेयर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द मोहन मिश्र ने इस पूरी घटना को “ब्राह्मण समाज के खिलाफ साजिश” बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। 

  • धन्नू तिवारी के विरुद्ध दर्ज कूटरचित एफआईआर को रद्द किया जाए।
  • सवर्ण आर्मी के पदाधिकारियों पर लगाए गए मिथ्या मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएं।
  • राम बाबू तिवारी की मौत की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
  • पीड़ित ब्राह्मण परिवार को कम से कम ₹50 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए।

घटना की निंदा करते हुए महासभा के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों वीरेंद्र मिश्र (प्रदेश उपाध्यक्ष), शिव शंकर पाठक (प्रदेश उपाध्यक्ष), डॉ. विभोर पांडेय (प्रदेश उपाध्यक्ष), बलदेव प्रसाद पांडेय (प्रदेश संरक्षक), रवि मोहन शुक्ल (प्रदेश संगठन मंत्री), महेश मिश्र (प्रदेश मंत्री) ने भी सरकार से इस घटना की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।

गौरतलब हो कि यह मामला केवल एक परिवार का नहीं बल्कि पूरे समाज की अस्मिता का प्रश्न बन गया है। ब्राह्मण वेलफेयर महासभा द्वारा उठाई गई मांगें अगर पूरी नहीं हुईं तो समाज में असंतोष और गहराता जा सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि मुख्यमंत्री कार्यालय इस संवेदनशील मुद्दे पर कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है।

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